tag:blogger.com,1999:blog-3353527031284386816.post6306860443783498993..comments2023-10-11T03:54:42.888-07:00Comments on simte lamhen: वो घर बुलाता है...kshamahttp://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-3353527031284386816.post-76404910414744840872010-07-12T07:22:22.710-07:002010-07-12T07:22:22.710-07:00बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति है। शुभकामनायेंबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति है। शुभकामनायेंसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3353527031284386816.post-18536469471450744982010-07-04T19:48:23.646-07:002010-07-04T19:48:23.646-07:00आपने अपनी यादों को शब्दों का जामा पहनाकर एक सुन्दर...आपने अपनी यादों को शब्दों का जामा पहनाकर एक सुन्दर रचना प्रस्तुत किये हैं ....Indranil Bhattacharjee ........."सैल"https://www.blogger.com/profile/01082708936301730526noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3353527031284386816.post-17204128624883543542010-07-04T10:32:21.654-07:002010-07-04T10:32:21.654-07:00अतीत को चित्र की ताहा खींच दिया है आपने .... अनुपम...अतीत को चित्र की ताहा खींच दिया है आपने .... अनुपम अभिव्यक्ति ....दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3353527031284386816.post-8823208097162148882010-07-04T04:01:29.664-07:002010-07-04T04:01:29.664-07:00वैसे तो पिछले दो सालो से ब्लाग लिख रहा हू लेकिन लो...वैसे तो पिछले दो सालो से ब्लाग लिख रहा हू लेकिन लोगो से जुडने और जोडने की तह्जीब और सलीका दोनो मुझ मे नही आया।<br /><br />शेष फिर (कविताओं का ब्लाग) और खानाबदोश(मेरी फक्कडी का)।<br /><br />कभी संवेदना मे रची बसी कविता पढने का मन हो तो आप मेरे ब्लाग पर पधार सकती है।<br /> ब्लागिंग के टिप्पणी आदान-प्रदान के शिष्टाचार के मामले मे मै थोडा जाहिल किस्म का इंसान हूं लेकिन आपमे तो बडप्पन है ना...!Dr.Ajithttps://www.blogger.com/profile/17632123454222628758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3353527031284386816.post-29782711275474748042010-07-03T23:27:03.772-07:002010-07-03T23:27:03.772-07:00क्या बात है बहुत अच्छे शब्दों में ढली सुंदर कविता ...क्या बात है बहुत अच्छे शब्दों में ढली सुंदर कविता लिख डाली...लेकिन आज ये उदासी का मौसम क्यों छाया है? आप तो कभी उदासी से भरा नहीं लिखती.<br />हाँ होता हें कभी कभी मन यादो के कुहांसे में आँख-मिचोली खेलता है और बचपन में डुबकियां लगाने लगता है.<br /><br />सुंदर कविता.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3353527031284386816.post-62601410074966287912010-07-03T19:24:55.805-07:002010-07-03T19:24:55.805-07:00बातेँ पुरानी होकेभी,
लगती हैं कल ही की...
ateet ...बातेँ पुरानी होकेभी,<br /><br />लगती हैं कल ही की...<br /><br />ateet ki sundar aur madhur yadein, humare vartamaan ko bhi khoobsurat bana deti hainZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3353527031284386816.post-34551291540226460182010-07-03T12:52:27.325-07:002010-07-03T12:52:27.325-07:00अरे! ये तो एक नॉस्टैल्गिक जर्नी है... हर किसी से ज...अरे! ये तो एक नॉस्टैल्गिक जर्नी है... हर किसी से जुड़ी कर किसी के करीब...सम्वेदना के स्वरhttps://www.blogger.com/profile/12766553357942508996noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3353527031284386816.post-19515432373263904032010-07-03T11:15:03.212-07:002010-07-03T11:15:03.212-07:00जब दिन अँधेरे होते हैं
मै रौशन दान जलाती हूँ
अँध...जब दिन अँधेरे होते हैं<br /><br />मै रौशन दान जलाती हूँ<br /><br />अँधेरेसे कतराती हूँ<br /><br />पास मेरे वो गोदी नही<br /><br />I just simply loved it....!!<br />Your writings are amazing everytime...<br /><br />With love,<br />Regards...<br />DimpleDimplehttps://www.blogger.com/profile/04616482931140406425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3353527031284386816.post-62301522400846235522010-07-03T07:12:25.934-07:002010-07-03T07:12:25.934-07:00वो पेड़ नीमका आँगन मे,
जिसपे झूला पड़ता था!
सपनो...वो पेड़ नीमका आँगन मे,<br /><br />जिसपे झूला पड़ता था!<br /><br />सपनोंमे शहज़ादी आती थी ,<br /><br />माँ जो कहानी सुनाती थी!<br />और<br />वो घर जो अब "वो घर"नही,<br />अब भी ख्वाबो में आता है<br />बिलकुल वैसाही दिखता है,<br />जैसा कि, वो अब नही!<br />क्षमा अपने बचपन की याद दिला दी। बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति है। शुभकामनायेंनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3353527031284386816.post-33822543197798687732010-07-03T04:51:59.957-07:002010-07-03T04:51:59.957-07:00जो बीत गया वह रीत गया ।
क्षमा जी . आपने स्मृतिय...जो बीत गया वह रीत गया ।<br />क्षमा जी . आपने स्मृतियों को जीवन्त कर दिया ।<br />प्रशंसनीय ।अरुणेश मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/14110290381536011014noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3353527031284386816.post-82483702651696027812010-07-03T00:55:56.596-07:002010-07-03T00:55:56.596-07:00अन्दर की पीडा को शब्दों मे बखुबी ढाला है…………मार्मि...अन्दर की पीडा को शब्दों मे बखुबी ढाला है…………मार्मिक चित्रण्।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3353527031284386816.post-15819959846469249952010-07-02T22:37:19.821-07:002010-07-02T22:37:19.821-07:00बिलकुल मेरे घर ओर मन कि बात कह दी जी आपने.....आंसू...बिलकुल मेरे घर ओर मन कि बात कह दी जी आपने.....आंसू तो नहीं छलके...पर सोच रहा हूँ कि बिना आंसू छलकाए रोया नहीं जा सकता क्या...?<br /><br />कुंवर जी,kunwarji'shttps://www.blogger.com/profile/03572872489845150206noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3353527031284386816.post-79476458821865988642010-07-02T17:47:07.769-07:002010-07-02T17:47:07.769-07:00शायद सबकी व्यथा आपने कह दी इस रचना के माध्यम से......शायद सबकी व्यथा आपने कह दी इस रचना के माध्यम से...बहुत बढ़िया.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3353527031284386816.post-31884003594805638932010-07-02T13:38:27.732-07:002010-07-02T13:38:27.732-07:00वो घर जो अब "वो घर"नही,
अब भी ख्वाबो में...वो घर जो अब "वो घर"नही,<br />अब भी ख्वाबो में आता है<br />बिलकुल वैसाही दिखता है,<br />जैसा कि, वो अब नही!<br /><br />क्षमा जी, अतीत की स्मृति को....<br /> इतने मार्मिक ढंग से पेश किया है....<br /> सच मानिए...दिल भर आया...<br />और आंखें........<br />कुछ गुम हो चुके मज़र की तलाश में<br />अनायास ही सजल हो उठीं.शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद''https://www.blogger.com/profile/09169582610976061788noreply@blogger.com