tag:blogger.com,1999:blog-3353527031284386816.post966187555921436430..comments2023-10-11T03:54:42.888-07:00Comments on simte lamhen: दीवारें बोलती नही..kshamahttp://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comBlogger20125tag:blogger.com,1999:blog-3353527031284386816.post-39796670509390375372011-02-04T21:39:04.519-08:002011-02-04T21:39:04.519-08:00ati bhavpuran....ati bhavpuran....neelima garghttps://www.blogger.com/profile/07014867750280659771noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3353527031284386816.post-39209831675630091192011-02-03T17:40:24.763-08:002011-02-03T17:40:24.763-08:00क्षमा जी सादर नमस्कार .बहुत सुन्दर कविता के लिए आप...क्षमा जी सादर नमस्कार .बहुत सुन्दर कविता के लिए आपको बहुत बहुत बधाई |जयकृष्ण राय तुषारhttps://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3353527031284386816.post-55204893110656758062011-02-03T17:40:23.790-08:002011-02-03T17:40:23.790-08:00क्षमा जी सादर नमस्कार .बहुत सुन्दर कविता के लिए आप...क्षमा जी सादर नमस्कार .बहुत सुन्दर कविता के लिए आपको बहुत बहुत बधाई |जयकृष्ण राय तुषारhttps://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3353527031284386816.post-52395032143516809652011-02-01T23:42:31.262-08:002011-02-01T23:42:31.262-08:00बहुत सुन्दर कढ़ाई किया हुआ चित्र के साथ एक बहुत ही ...बहुत सुन्दर कढ़ाई किया हुआ चित्र के साथ एक बहुत ही सुन्दर रचना । बधाई स्वीकारे ।dipayanhttps://www.blogger.com/profile/07385176375960362837noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3353527031284386816.post-14251662945390216072011-02-01T10:49:47.567-08:002011-02-01T10:49:47.567-08:00बहुत ही सुंदर कविता और बहुत ही गहरे भाव !बहुत ही सुंदर कविता और बहुत ही गहरे भाव !Dr Varsha Singhhttps://www.blogger.com/profile/02967891150285828074noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3353527031284386816.post-42711615288312329792011-01-31T05:38:18.410-08:002011-01-31T05:38:18.410-08:00आपकी पुरानी रचना भी आनंद देती है ... और कढ़ाई तो है...आपकी पुरानी रचना भी आनंद देती है ... और कढ़ाई तो है ही लाजवाब !Indranil Bhattacharjee ........."सैल"https://www.blogger.com/profile/01082708936301730526noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3353527031284386816.post-77711256969950601002011-01-31T03:46:06.079-08:002011-01-31T03:46:06.079-08:00सुना ,दीवारों के होते हैं कान ,
काश होती आँख...सुना ,दीवारों के होते हैं कान ,<br />काश होती आँखें और लब!<br /><br />इतना ही काफी है ..वर्ना हालत बदतर होते ..अर्थपूर्ण रचना शुक्रियाकेवल रामhttps://www.blogger.com/profile/04943896768036367102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3353527031284386816.post-90646535020940484562011-01-31T01:11:35.190-08:002011-01-31T01:11:35.190-08:00सजी बगिया को ,रहता है फिरभी,
इंतज़ार क़दमों की आह...सजी बगिया को ,रहता है फिरभी,<br />इंतज़ार क़दमों की आहटों का,<br />पर कोई राह इधर मुडती नही ,<br />पंखे की खटखट,टिकटिक घड़ी की,<br />अब बरदाश्त मुझसे होती नही...<br />old is gold hum to bas yahi kahenge ,bahut sundar .ज्योति सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14092900119898490662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3353527031284386816.post-63551797425158947032011-01-30T03:43:44.527-08:002011-01-30T03:43:44.527-08:00तन्हाई और इंतज़ार ..खूबसूरत शब्द दिए हैं आपने.
मर्...तन्हाई और इंतज़ार ..खूबसूरत शब्द दिए हैं आपने.<br />मर्मस्पर्शी रचना..और कृति भी बेहद खूबसूरत.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3353527031284386816.post-12872108472766871442011-01-30T03:36:33.485-08:002011-01-30T03:36:33.485-08:00पुरनी ही सही कविता, भाव हमेशा नये हैं!! आपकी कलाकृ...पुरनी ही सही कविता, भाव हमेशा नये हैं!! आपकी कलाकृति और कविता दोनों लाजवाब!!सम्वेदना के स्वरhttps://www.blogger.com/profile/12766553357942508996noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3353527031284386816.post-32296956267938857992011-01-30T02:25:50.742-08:002011-01-30T02:25:50.742-08:00सजी बगिया को ,रहता है फिरभी,
इंतज़ार क़दमों की आह...सजी बगिया को ,रहता है फिरभी,<br />इंतज़ार क़दमों की आहटों का,<br />पर कोई राह इधर मुडती नही ,<br />पंखे की खटखट,टिकटिक घड़ी की,<br />अब बरदाश्त मुझसे होती नही...<br /><br />कदमों की आहत का इंतेज़ार तो सभी को रहता है ... अकेलेपन में कोई साथी हर कोई चाहता है ... अच्छी रचना है ..दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3353527031284386816.post-89516581247962812782011-01-29T10:13:04.553-08:002011-01-29T10:13:04.553-08:00पुरानी नहीं है कविता.आप इन संतापों को भुगत रहीं ह...पुरानी नहीं है कविता.आप इन संतापों को भुगत रहीं हैं,हमारे जैसे कई भविष्य में भोगेगें .<br />नयी है आप की कविता. और जैसा वक्त है ,लगता है सदा नयी रहेगी.<br />आपकी कलम को सलाम.विशालhttps://www.blogger.com/profile/06351646493594437643noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3353527031284386816.post-17996417564111246782011-01-29T08:15:44.386-08:002011-01-29T08:15:44.386-08:00अकथ वेदना ,अहर्निश इंतज़ार
आपकी यह विधा अनुपम और अद...अकथ वेदना ,अहर्निश इंतज़ार<br />आपकी यह विधा अनुपम और अद्वितीय है -कला के साथ कविता का मणि कांचन विरला संयोग !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3353527031284386816.post-23310590949091796172011-01-29T06:38:06.391-08:002011-01-29T06:38:06.391-08:00सजी बगिया को ,रहता है फिरभी,
इंतज़ार क़दमों की आह...सजी बगिया को ,रहता है फिरभी,<br />इंतज़ार क़दमों की आहटों का,<br />पर कोई राह इधर मुडती नही ,<br />पंखे की खटखट,टिकटिक घड़ी की,<br />अब बरदाश्त मुझसे होती नही...<br /><br />मन की कशक और व्यथा की बहुत मर्मस्पर्शी प्रस्तुति..बहुत सुन्दरKailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3353527031284386816.post-5750718594711648272011-01-28T23:14:42.193-08:002011-01-28T23:14:42.193-08:00आयेंगे हम लौट के,कहनेवाले,
बरसों गुज़र गए , लौटे न...आयेंगे हम लौट के,कहनेवाले,<br />बरसों गुज़र गए , लौटे नही ,<br />जिनके लिए उम्रभर मसरूफ़ रही,<br />वो हैं मशगूल जीवन में अपनेही,<br />यहाँ से उठे डेरे,फिर बसे नही...<br />वाह कमाल की पँक्तियाँ हैं पूरी रचना भावमय सुन्दर है। बधाई।संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3353527031284386816.post-89776585661845280232011-01-28T23:13:56.065-08:002011-01-28T23:13:56.065-08:00बहुत सुन्दर रचना प्रकाशित की हैबहुत सुन्दर रचना प्रकाशित की हैसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3353527031284386816.post-10450713712883209772011-01-28T22:17:37.227-08:002011-01-28T22:17:37.227-08:00सजी बगिया को ,रहता है फिरभी,
इंतज़ार क़दमों की आह...सजी बगिया को ,रहता है फिरभी,<br />इंतज़ार क़दमों की आहटों का,<br />पर कोई राह इधर मुडती नही ,<br />पंखे की खटखट,टिकटिक घड़ी की,<br />अब बरदाश्त मुझसे होती नही...<br /><br /><br />और इसी सच के साथ जीना पडता है…………एक कटु सत्य को उजागर कर दिया…………।बेहद मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3353527031284386816.post-72847077588294467752011-01-28T22:06:16.562-08:002011-01-28T22:06:16.562-08:00कितना बोल रही है ये दीवार पर सजी कृति भी , सजाये र...कितना बोल रही है ये दीवार पर सजी कृति भी , सजाये रखना ये बगिया ...आयेंगे जाने वाले भी ..इंतज़ार को महकाए रखना ...सुन्दर है कविता ....शारदा अरोराhttps://www.blogger.com/profile/06240128734388267371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3353527031284386816.post-48753884246120456332011-01-28T18:03:01.480-08:002011-01-28T18:03:01.480-08:00जिन्दगी की तन्हाई को शब्द दी है आपने...बहुत ही सुन...जिन्दगी की तन्हाई को शब्द दी है आपने...बहुत ही सुन्दर..Arun sathihttps://www.blogger.com/profile/08551872569072589867noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3353527031284386816.post-65759319251365242442011-01-28T08:48:22.445-08:002011-01-28T08:48:22.445-08:00पुरानी है लेकिन बह्त उम्दा..पुरानी है लेकिन बह्त उम्दा..भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.com