सोमवार, 3 दिसंबर 2012

पहलेसे उजाले

छोड़ दिया देखना कबसे
अपना आईना हमने!
बड़ा बेदर्द हो गया है,
पलट के पूछता है हमसे
कौन हो,हो कौन तुम?
पहचाना नही तुम्हे!
जो खो चुकी हूँ मैं
वही ढूंढता है मुझमे !
कहाँसे लाऊँ पहलेसे उजाले
बुझे हुए चेहरेपे अपने?
आया था कोई चाँद बनके
चाँदनी फैली थी मनमे
जब गया तो घरसे मेरे
ले गया सूरज साथ अपने!

फिर एकबार पुरानी रचना पेश कर रही हूँ,माफी के साथ।

24 टिप्‍पणियां:

ANULATA RAJ NAIR ने कहा…

बहुत सुन्दर भाव........
सूरज साथ ले गया तो अब चाँद भला कैसे चमके...
:-(
अनु

shikha varshney ने कहा…

बहुत बहुत बहुत सुन्दर ...गज़ब के भाव और शब्द भी.

वीना श्रीवास्तव ने कहा…

अच्छी रचना
आप मेरे ब्लॉग पर आइए..एक योजना है आप पढ़िए और अवगत कराइए.....

Kunwar Kusumesh ने कहा…

अच्छी रचना.

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

बड़ी सुन्दर रचना..

शारदा अरोरा ने कहा…

बड़ी प्यारी सी कविता ,बड़ी सहजता से कही गई बात ....

सदा ने कहा…

आया था कोई चाँद बनके
चाँदनी फैली थी मनमे
जब गया तो घरसे मेरे
ले गया सूरज साथ अपने!

बहुत ही गहन भाव लिये उत्‍कृष्‍ट अभिव्‍यक्ति

सादर

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

खूबसूरती से उकेरे मन के भाव ....

मेरा मन पंछी सा ने कहा…

गहरे भाव लिए रचना....

ओंकारनाथ मिश्र ने कहा…

अच्छी कविता.

जयकृष्ण राय तुषार ने कहा…

बहुत ही सुन्दर कविता |

Arvind Mishra ने कहा…

गहन भाव की प्यारी सी कविता -आईना झूठ नहीं बोलता :-(

दिगम्बर नासवा ने कहा…

भावपूर्ण ... सच है बदलाव के इस युग में पुराना सुलभ सहजता कहाँ से आए ... गहरा अर्थ लिए ...

sourabh sharma ने कहा…

बहुत सुंदर भाव लिए हुए रचना

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून ने कहा…

पुरानी भले ही हो पर ताज़ा की सी ही महक है

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत मर्मस्पर्शी भावपूर्ण रचना...बहुत सुन्दर

Apanatva ने कहा…

Marmsparshee !

प्रेम सरोवर ने कहा…

आपकी रचना बहुत अच्छी लगी। मेरे पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा। धन्यवाद।

tbsingh ने कहा…

sunder rachana.

tbsingh ने कहा…

sunder prastuti.

Onkar ने कहा…

सुन्दर रचना

***Punam*** ने कहा…

आइना मुझसे मेरी पहली सी सूरत मांगे...

Mamta Bajpai ने कहा…

बहुत सुन्दर ...फिर वही शब्दों का जादू

संजय भास्‍कर ने कहा…

आपकी इस रचना को कविता मंच व म्हारा हरियाणा ब्लॉग पर साँझा किया गया है !

http://bloggersofharyana.blogspot.in/
http://kavita-manch.blogspot.in/

संजय भास्कर