गुरुवार, 1 अगस्त 2013

तूफाँ आते रहे...आते रहे..

कुछ अरसा हुआ     
एक तूफाँ मिला,
ज़िंदगी के निशाँ
पूरी तरह मिटा गया,
जब वो थम गया,
जीवन के कयी
भेद खोल गया!
कुछ अरसा हुआ...

कल के बारेमे
आगाह कर गया !
हर तूफाँ से हर बार
खुद ही निपटना होगा
तूफाँ समझा गया!
कुछ अरसा हुआ॥

फिर तो कयी तूफाँ
लेकर निशाँ , आये गए,
सैकड़ों बरबादियाँ,
बार, बार छोड़ गए
हरबार मुझे भी,
चूर,चूर कर गए
दोस्त नही आए,
ऐसे तूफाँ आए गए...

पर हर बार फिर से
वही बात दोहरा गए,
अकेलेही चलना है तुम्हें
तूफाँ कान मे सुना गए...
लौटने का वादा निभाते रहे..
तूफाँ आते रहे...आते रहे..

 सैंकड़ों तूफानोंसे झूझ चुकी हूँ  थक गयी हूँ …।चाहती  हूँ  कोयी तो ऐसी  गोंद मिले ,जहाँ सर रखके सुकून मिले   



 

10 टिप्‍पणियां:

शिवनाथ कुमार ने कहा…

हर परिस्थति कुछ ना कुछ प्रभाव छोडती है तो कुछ सीख भी दे जाती है
शुकून की गोद हर किसी की चाह होती है
साभार !

ANULATA RAJ NAIR ने कहा…

तूफानों से टकराना ही तो जीवन है......हाँ कोई गोद मिले नर्म सी...गर्म सी...दिल इतना तो चाहता है..

अनु

सदा ने कहा…

तूफानों का सामना ... उनसे मिलती एक सीख जीवन यूँ ही चलता रहता है ...

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून ने कहा…

अकेलेही चलना है तुम्हें
तूफाँ कान मे सुना गए...

यही सच्‍चाई जीने का दम भी देती है

Arvind Mishra ने कहा…

ओह! फिर एक तूफ़ान का आह्वान!
मत किया करिए ऐसा -उन्हें तो बस आह्वान का इंतज़ार रहता है !

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

अपनी हृदय की धड़कनों में ही सुकून मिलता है, शेष तो व्यग्रता ही दे सकते हैं।

संजय भास्‍कर ने कहा…

बहुत सटीक और अद्भुत अभिव्यक्ति...

दिगम्बर नासवा ने कहा…

जैसा तूफ़ान कह गया है ... चलना तो अकेले ही होता है जीवन में ... कुछ पढाव आते हैं कुछ पल को ... उन सब से अच्छी अच्छी यादों की पोटली उठा लेनी चाहिए ...

Apanatva ने कहा…

aapkee kalakratiya abhinn atulneey hai aapko vyat rakhane ka badiya madham...

Apanatva ने कहा…

aapkee kalakratiya abhinn atulneey hai aapko vyat rakhane ka badiya madham...