कम शब्दों में बहुत ही गूढ बात।
संक्षिप्त पर बेहतरीन।
जोरदार -मगर यह भी -एक वो आलम था कि खुदा को खुदा न कह सका अब ये आलम है कि हर बुत को खुदा कहते हैं !
गहरे भाव.
woh... bahut gahri baat..dil ki hai aawaj..
"रही तलाश इक दिए की,ता-उम्र इस शमा को"अधिकतर की शिकायत/अफ़सोस को उजागर करती कम शब्दों में सटीक प्रस्तुति
बेहद गहन अभिव्यक्ति।
khoob !
बेहद भावमयी और खूबसूरत अभिव्यक्ति. आभार.सादर,डोरोथी.
अद्भुत क्षणिका बहुत सुन्दर बधाई
वाह!बहुत सुन्दर क्षणिका!--पूरे 36 घंटे बाद नेट पर आया हूँ!धीरे-धीरे सबके यहाँ पहुँचने की कोशिश कर रहा हूँ!
वाह! अच्छा ख्याल और अच्छे लफ़्ज़! अगर मैं कुछ कह पाऊँ तो वो ये कि -"तुम सितारों की चमक में इस कदर मशरूफ़ थे, रोशनी में देखने का हुनर ही जाता रहा!"
अंतर्मन को उद्देलित करती पंक्तियाँ, बधाई.
hamne b ik diya dikhaya tha.magar tum kuchh bhool gayeroshan karne ki ummeed thi..magar tum ham se rooth gaye.:):):)
गहरी बात!! ज़िन्दगी में ऐसे मुकाम कई बार आते हैं...
Impressive lines !
गहन शब्दों के साथ बेहतरीन प्रस्तुति ।
behtreen panktiyan ...
बेहतरीन सटीक प्रस्तुति
bahut badiya bhavpurn rachna..
bahut khoob..
wah....very good.
वाह!! कभी उजाले इतने तेज थे कि दिए दिखाई न दिए.. यह एक मौन सत्य है!!
:) वाह :) :)
short, solid... awesome...
बहुत खूब ....शुभकामनायें आपको !
संक्षिप्त पर सुन्दर और बेहतरीन ....
कुछ शब्दों में बहुत कुछ कह दिया..बहुत सुन्दर
बहुत सुन्दर कविता..कम शब्द में गंभीर बात...
पंजाब में कबीर पंथ का उद्भव और विकास पर शुभकामनाएँ देने के लिए धन्यवाद. यह ब्लॉग मैंने एक सीमित प्रयोजन से बनाया था.जिस ब्लॉग पर मैं निरंतर लिखता हूँ उसका लिंक नीच दे रहा हूँ-MEGHnetआप इस ब्लॉग पर पधारेंगी तो मुझे खुशी होगी.
तलाश तलाश ही रह गयी ... गहरे जज्बात ...
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनायें.
bahut hi badhiya likha hai ,swatantrata divas ki badhai .
सुन्दर रचना ... जन्माष्टमी की शुभकामनायें !
बेहतरीन
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36 टिप्पणियां:
कम शब्दों में बहुत ही गूढ बात।
संक्षिप्त पर बेहतरीन।
जोरदार -मगर यह भी -
एक वो आलम था कि खुदा को खुदा न कह सका
अब ये आलम है कि हर बुत को खुदा कहते हैं !
गहरे भाव.
woh... bahut gahri baat..
dil ki hai aawaj..
"रही तलाश इक दिए की,
ता-उम्र इस शमा को"
अधिकतर की शिकायत/अफ़सोस को उजागर करती कम शब्दों में सटीक प्रस्तुति
बेहद गहन अभिव्यक्ति।
khoob !
बेहद भावमयी और खूबसूरत अभिव्यक्ति. आभार.
सादर,
डोरोथी.
अद्भुत क्षणिका बहुत सुन्दर बधाई
अद्भुत क्षणिका बहुत सुन्दर बधाई
वाह!
बहुत सुन्दर क्षणिका!
--
पूरे 36 घंटे बाद नेट पर आया हूँ!
धीरे-धीरे सबके यहाँ पहुँचने की कोशिश कर रहा हूँ!
वाह! अच्छा ख्याल और अच्छे लफ़्ज़! अगर मैं कुछ कह पाऊँ तो वो ये कि -
"तुम सितारों की चमक में इस कदर मशरूफ़ थे,
रोशनी में देखने का हुनर ही जाता रहा!"
अंतर्मन को उद्देलित करती पंक्तियाँ, बधाई.
hamne b ik diya dikhaya tha.
magar tum kuchh bhool gaye
roshan karne ki ummeed thi..
magar tum ham se rooth gaye.
:):):)
गहरी बात!! ज़िन्दगी में ऐसे मुकाम कई बार आते हैं...
Impressive lines !
गहन शब्दों के साथ बेहतरीन प्रस्तुति ।
behtreen panktiyan ...
बेहतरीन सटीक प्रस्तुति
bahut badiya bhavpurn rachna..
bahut khoob..
wah....very good.
वाह!! कभी उजाले इतने तेज थे कि दिए दिखाई न दिए..
यह एक मौन सत्य है!!
:) वाह :) :)
short, solid... awesome...
बहुत खूब ....शुभकामनायें आपको !
संक्षिप्त पर सुन्दर और बेहतरीन ....
कुछ शब्दों में बहुत कुछ कह दिया..बहुत सुन्दर
बहुत सुन्दर कविता..कम शब्द में गंभीर बात...
पंजाब में कबीर पंथ का उद्भव और विकास पर शुभकामनाएँ देने के लिए धन्यवाद. यह ब्लॉग मैंने एक सीमित प्रयोजन से बनाया था.
जिस ब्लॉग पर मैं निरंतर लिखता हूँ उसका लिंक नीच दे रहा हूँ-
MEGHnet
आप इस ब्लॉग पर पधारेंगी तो मुझे खुशी होगी.
तलाश तलाश ही रह गयी ... गहरे जज्बात ...
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई और शुभकामनायें.
bahut hi badhiya likha hai ,swatantrata divas ki badhai .
सुन्दर रचना ... जन्माष्टमी की शुभकामनायें !
बेहतरीन
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