गुरुवार, 29 मार्च 2012

कीमत हँसी की.....


  क़ीमत हर हँसी की
 अश्क़ों से  चुकायी,
पता नही और कितना
कर्ज़ रहा है बाक़ी,
आँसूं  हैं, कि, थमते नही!


16 टिप्‍पणियां:

Sunil Kumar ने कहा…

सुंदर अतिसुन्दर अच्छी लगी, बधाई

ANULATA RAJ NAIR ने कहा…

बहुत सुन्दर....

दरअसल सूद बाकी रह ही जाता है.....

सादर
अनु

shikha varshney ने कहा…

उफ़ ...चंद पंक्तियों में दर्द का दरिया.

भारतीय नागरिक - Indian Citizen ने कहा…

दर्द!

भारतीय नागरिक - Indian Citizen ने कहा…

दर्द!

मनोज कुमार ने कहा…

एक कविता की कुछ पंक्तियां याद आ गई

बीत गयी बातों में, रातों व ख्यालों में
हाथ लगी निंदियारी जिंदगी।
आंसू था सिर्फ एक बूंद, मगर जाने क्यों
भींग गयी है सारी जिंदगी।

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

आपकी यह क्षणिका पढ़ कर एक शेर याद आ गया ---

अशकों ने जो पाया है वो गीतों में दिया है
इस पर भी सुना है कि जमाने को गिला है
जो साज से निकली है वो धुन सबने सुनी है
जो तार पर गुज़री है वो किस दिल को पता है ।

Unknown ने कहा…

aasuon ka daur bhi ttham jayga...fir wahi subah hogi jab tm bekhouf hasti thi....

bahut kuch baya karte bhav !

संजय भास्‍कर ने कहा…

बेहतरीन प्रस्‍तुति...!

Arvind Mishra ने कहा…

यहाँ किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता
कभी जमीं तो कभी आसमा नहीं मिलता

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

हर हँसी में एक दर्द के रहने की जगह है और हर आँसू में आनन्द की।

सदा ने कहा…

सच.. इस हंसी की कीमत
का कोई अन्‍दाज़ा नहीं ... ये दर्द भरी पंक्तियां

Pawan Kumar ने कहा…

बहुत सुन्दर....

दिगम्बर नासवा ने कहा…

उम्र भर हंसी की कीमत चुकाना
आसान नहीं है खुद ही मर जाना ..

कीमत में शायद जान ही मांग ली है ... बहुत ही गहरी अभिव्यक्ति ...

डॉ. जेन्नी शबनम ने कहा…

भावप्रवण...

Satish Saxena ने कहा…

कमाल है...
सागर है सागर , इस छोटी सी रचना में