ये ग़म के और चार दिनसितम के और चार दिनये दिन भी जाएंगे गुज़रगुज़र गए हज़ार दिन
मन को छूते शब्द ...
गम को भला कौन सुनना चाहता है लोग हंसी में ही साथ निबाहते हैं
पर हम सुनने बैठे।
ग़मों के खरीदार बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!!
कोई गम ना भी सुने तो क्या गम..पहले ही गम है..
वे उठ के चल दिए महफ़िल से अचानक हमसे खूब आवाभगत भी न होने पायी :-)
सच है कोई नहीं सुनना चाहता गम के किस्से ... उसे तो अपने आप से ही बांटना होता है ... भावपूर्ण ...
GAM SUNNE KE LIYE HUM AA GAYE HAI.NICE POST.
एक बार मेरे ब्लॉग "गौरेया " पर भी पधारे -http://gaureya.blogspot.com/
ख़ुशी तो बस कभी मेहमान बन के आती है ग़मों का दौर सदा साथ साथ चलता है !
बहुत खूब!
marmik.....
ऐसा ही होता है
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14 टिप्पणियां:
ये ग़म के और चार दिन
सितम के और चार दिन
ये दिन भी जाएंगे गुज़र
गुज़र गए हज़ार दिन
मन को छूते शब्द ...
गम को भला कौन सुनना चाहता है लोग हंसी में ही साथ निबाहते हैं
पर हम सुनने बैठे।
ग़मों के खरीदार बड़ी मुश्किल से मिलते हैं!!
कोई गम ना भी सुने तो क्या गम..पहले ही गम है..
वे उठ के चल दिए महफ़िल से अचानक
हमसे खूब आवाभगत भी न होने पायी :-)
सच है कोई नहीं सुनना चाहता गम के किस्से ... उसे तो अपने आप से ही बांटना होता है ... भावपूर्ण ...
GAM SUNNE KE LIYE HUM AA GAYE HAI.NICE POST.
एक बार मेरे ब्लॉग "गौरेया " पर भी पधारे -http://gaureya.blogspot.com/
ख़ुशी तो बस कभी मेहमान बन के आती है
ग़मों का दौर सदा साथ साथ चलता है !
बहुत खूब!
marmik.....
ऐसा ही होता है
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