आदरणीया क्षमा जी सादर सस्नेहाभिवादन ! सुंदर भावों के साथ अच्छी कविता लिखी है आपने अए चांद सुन ! तेरी ही चांदनी बरसा'के बरसों, जला रहा है कोई… … … बधाई ! बसंत पंचमी सहित बसंत ॠतु की हार्दिक बधाई और मंगलकामनाएं ! - राजेन्द्र स्वर्णकार
राही मनवा दुःख की चिंता क्यूँ सताती है, दुःख तो अपना साथी है!! लेकिन फिर भी आपको ये बिल्कुल सूट नहीं करता!! इस बार आपकी कलाकृति की जगह ख़ाली देखकर कुछ सूना सूना लगा!!
18 टिप्पणियां:
परेशाँ हैं, चश्मे नम मेरे,
कि इन्हें, लमहा, लमहा,
रुला रहा है कोई..
ओह गज़ब की कशिश है ...बहुत खूब.
परेशाँ हैं, चश्मे नम मेरे,
कि इन्हें, लमहा, लमहा,
रुला रहा है कोई.....
बहुत खूब.
सलाम
अए चाँद, सुन मेरे शिकवे,
तेरीही चाँदनी बरसाके,
बरसों, जला रहा कोई......
बहुत सुन्दर कविता लिखी है आपने...
आपकी लेखनी को नमन .
जबरदस्त नज्म लिखी है आपने। सीधे दिल में उतर गई। आभार।
अए चाँद, सुन मेरे शिकवे,
तेरीही चाँदनी बरसाके,
बरसों, जला रहा कोई......
ओह! दर्द ही दर्द भरा है……………सुन्दर प्रस्तुति।
परेशाँ हैं, चश्मे नम मेरे,
कि इन्हें, लमहा, लमहा,
रुला रहा है कोई.....
वाह क्या बात है बहुत खूबसूरत एहसास !
आभार !!
क्या बात है...
बहुत सुन्दर कविता लिखी है आपने...
खूबसूरत अहसासों को पिरोती हुई एक सुंदर भावप्रवण रचना. आभार.
सादर,
डोरोथी.
आदरणीया क्षमा जी
सादर सस्नेहाभिवादन !
सुंदर भावों के साथ अच्छी कविता लिखी है आपने
अए चांद सुन !
तेरी ही चांदनी बरसा'के बरसों,
जला रहा है कोई… … …
बधाई !
बसंत पंचमी सहित बसंत ॠतु की हार्दिक बधाई और मंगलकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
यह तो आजीवन है शाश्वत है अपना साथी है
राही मनवा
दुःख की चिंता क्यूँ सताती है,
दुःख तो अपना साथी है!!
लेकिन फिर भी आपको ये बिल्कुल सूट नहीं करता!! इस बार आपकी कलाकृति की जगह ख़ाली देखकर कुछ सूना सूना लगा!!
:)
Hello ji,
I had been away & wasn't blogging :)
So sorry couldn't catch up with your blog :)
As usual, very beautifully written...
Perfect words and great thoughts make it a good composition once again.
Regards,
Dimple
जीवन चलने का नाम
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अंतरिक्ष में वैलेंटाइन डे।
अंधविश्वास:महिलाएं बदनाम क्यों हैं?
परेशाँ हैं, चश्मे नम मेरे,
कि इन्हें, लमहा, लमहा,
रुला रहा है कोई..
shabd shabd dil se ubhare bhawon ka
darpan hai .
अए चाँद, सुन मेरे शिकवे,
तेरीही चाँदनी बरसाके,
बरसों, जला रहा कोई...
ये इश्क वालों की अदा है ..
bahut dino baad ...pad paya thada vyast tha !! hamesha ki tarah sundar abhiwyakti !!
Jai Ho mangalmay ho
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