तुम से दोस्ती की है,इसलिए कहने का मन करता है...
केवल ग़रज़ की खातिर नाता कभी ना जोड़ना,
असुविधा लगे तो झट से कभी ना तोड़ना...
खून का नहीं,इसलिए कौड़ी मोल ना समझना ,
भावनाओं का मोल जानो,बड़प्पन में खो ना जाना...
ज़िंदगी के हर मोड़ पे नया रिश्ता जुड़ता है,
जीवन भर पूरा हो,इतना प्यार मिलता है...
अपनी अंजुरी आगे करना ,अभिमान ना धरना,
सिर्फ व्यवहार का लेनदेन बीछ में ना लाना...
जितना मिले,लेते रहना,जितना हो देते रहना,
लिया दिया जब ख़त्म हो ,और मांग लेना...
समाधान में होता है समझौता..इसे मान लो,
रिश्ता बोझ नहीं,तहे दिल से समझ लो...
बस,विश्वास के चार शब्द...दूसरा कुछ मत देना,
समझबूझ के रिश्ता निभाना,कुछ क़दम चल,पीछे मत हटना....
समाधान में होता है समझौता..इसे मान लो,
रिश्ता बोझ नहीं,तहे दिल से समझ लो...
बस,विश्वास के चार शब्द...दूसरा कुछ मत देना,
समझबूझ के रिश्ता निभाना,कुछ क़दम चल,पीछे मत हटना....
30 टिप्पणियां:
जितना मिले,लेते रहना,जितना हो देते रहना,
लिया दिया जब ख़त्म हो ,और मांग लेना...
हर पंक्ति जीवन से जुडी और मन की भावनाओं को बहुत सुन्दरता से अभिव्यक्त करती है ..!
रिश्ते ऐसे ही आगे बढ़ते हैं..
बहुत सुन्दर रचना!
सुंदर.
अच्छी पंक्तियाँ
मन की उहा पोह को सुन्दर शब्द दिए हैं , ये त्रासदी होती है रिश्तों की कि ये एक से नहीं रहते ...कभी गहरे कभी उथले होने लगते हैं ...अब इस स्नेह की बेल को विष्वास का पानी मिलते ही रहना चाहिए ....जहाँ ज़रा कम्युनिकेशन गैप आया , मन खुद भी किस्से गढ़ने लगता है , पर आपने कहा बहुत खूबसूरत है ।
जितना मिले,लेते रहना,जितना हो देते रहना,
लिया दिया जब ख़त्म हो ,और मांग लेना...
Fantastic expression .
.
क्षमा जी पुनः एक शानदार प्रस्तुति
..
अपनी अंजुरी आगे करना ,अभिमान ना धरना,
सिर्फ व्यवहार का लेनदेन बीछ में ना लाना...
जितना मिले,लेते रहना,जितना हो देते रहना,
लिया दिया जब ख़त्म हो ,और मांग लेना...
कितना विशाल ह्रदय है कविता कभी और आपका भी....शुक्रिया.
बहुत ही सुंदर भावपूर्ण कविता बहुत -बहुत बधाई और सुभकामनाएँ |
हर पंक्ति जीवन से जुडी और मन की भावनाओं को बहुत सुन्दरता से अभिव्यक्त करती है|धन्यवाद|
बस,विश्वास के चार शब्द...दूसरा कुछ मत देना,
समझबूझ के रिश्ता निभाना,कुछ क़दम चल,पीछे मत हटना....
कितनी सही सलाह ।
समाधान में होता है समझौता..इसे मान लो,
रिश्ता बोझ नहीं,तहे दिल से समझ लो...
.........बहुत खूबसूरत है ।
रिश्तों को जीना सिखाती एक प्रेरक और सुंदर प्रस्तुति ...
ज़िंदगी के हर मोड़ पे नया रिश्ता जुड़ता है,
जीवन भर पूरा हो,इतना प्यार मिलता है... sabse positive linen lagi !!
swagat hai ....Jai Ho Mangalmay HO!
जितना मिले,लेते रहना,जितना हो देते रहना,
लिया दिया जब ख़त्म हो ,और मांग लेना...
बहुत खूब कहा है ।
shama ji , namaskar
jeevan aur mitrata aur prem ke prati positive vichaaro ke liye prerit kartiu hui aapki kavita bahut acchi lagi hai ,...
dhanywad.
badhayi
मेरी नयी कविता " परायो के घर " पर आप का स्वागत है .
http://poemsofvijay.blogspot.com/2011/04/blog-post_24.html
रिश्तों के कई पहलु दर्शाती रचना.
सुन्दर लिखा है.
समाधान में होता है समझौता..इसे मान लो,
रिश्ता बोझ नहीं,तहे दिल से समझ लो...
हर पंक्ति जीवन के रिश्तों को एक नया आयाम देती है..बहुत प्रेरक और सुन्दर
sampoorn khushaal jiwan jeene ka ek asarkari mantr. sunder ati sunder.
बस,विश्वास के चार शब्द...दूसरा कुछ मत देना,
समझबूझ के रिश्ता निभाना,कुछ क़दम चल,पीछे मत हटना....
very good.
बहुत सुन्दर सुझाव भरे उपदेशात्मक रचना !
बहुत सुन्दर ......हर पंक्ति में कुछ सीख भरी हुई है.....प्रशंसनीय |
विश्वास की नीव पर टिके रिश्ते कभी बोझ नहीं होते ...
सुन्दर कविता !
अपनी अंजुरी आगे करना ,अभिमान ना धरना,
सिर्फ व्यवहार का लेनदेन बीछ में ना लाना...
Jeevan ka falsafa likha hai ... gahri baaten jo insaani samajh se hi aati hain ... bahut lajawaab ...
जितना मिले,लेते रहना,जितना हो देते रहना,
लिया दिया जब ख़त्म हो ,और मांग लेना...
nivedan itne pyaar se ,bade najuk ahsaas hai .khoobsutat
अच्छी शिक्षा प्रद लाइने कि व्यवहार का लेनदेन बीच में मत लाना, । मालिक ने जो दिया है उसे बांटो, रिश्ते को कभ बोझ मत समझना, कभी अविश्वास मत करना , जहां विश्वास में कमी आई जीवन नैया डगमगाने लगती है । बटु विश्वास अटल निज धर्मा /खून का नहीं इसलिये< कवडी > मोल न समझना यह लाइन मेरी समझ में नहीं आ पाई क्षमा करे।
जहाँ विश्वास ही परंपरा है , रिश्ते वही निभ पाते है . ,
बढ़िया रचना के लिए शुभकामनायें आपको !
तुम से दोस्ती की है,इसलिए कहने का मन करता है...
केवल ग़रज़ की खातिर नाता कभी ना जोड़ना,
असुविधा लगे तो झट से कभी ना तोड़ना...
खून का नहीं,इसलिए कौड़ी मोल ना समझना ,
भावनाओं का मोल जानो,बड़प्पन में खो ना जाना...
ज़िंदगी के हर मोड़ पे नया रिश्ता जुड़ता है,
जीवन भर पूरा हो,इतना प्यार मिलता है...
बहुत ही शिक्षाप्रद गीत क्षमा जी बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं |
ये रिश्ते भी अजीब रिश्ते
कभी आग तो कभी बर्फ
क्षमा मुझे भी तुम से मिल कर बहुत खुशी हुयी मगर अफसोस इस बात का कि अधिक बात नही हो पाई। फिर कभी सही। शुभकामनायें।
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