ओ मेरे रहनुमा !
इतना मुझे बता दे,
वो राह कौनसी है,
जो गुज़रे तेरे दरसे!
हो कंकड़ कीचड या कांटे,
के चारसूं घने अँधेरे,
बस इक बूँद रौशनी मिले
जो तेरे दीदार मुझे करा दे!
न मिले रौशनी मुझसे
किसीको,ग़म नहीं है,
मुझसे अँधेरा न बढे,
इतनी मुझे दुआ दे!
ओ मेरे रहनुमा!
बस इतनी मुझे दुआ दे!
आजकल ऐसे लगता है जैसे मै किसी गहरी खाई में जा गिरी हूँ।...मेरा आक्रोश कोई सुनता नहीं....दम घुट रहा है.....आनेवाली साँसों की चाहत नहीं.....जीने का कोई मकसद नहीं....क्यों जिंदा हूँ,पता नहीं.......
इतना मुझे बता दे,
वो राह कौनसी है,
जो गुज़रे तेरे दरसे!
हो कंकड़ कीचड या कांटे,
के चारसूं घने अँधेरे,
बस इक बूँद रौशनी मिले
जो तेरे दीदार मुझे करा दे!
न मिले रौशनी मुझसे
किसीको,ग़म नहीं है,
मुझसे अँधेरा न बढे,
इतनी मुझे दुआ दे!
ओ मेरे रहनुमा!
बस इतनी मुझे दुआ दे!
आजकल ऐसे लगता है जैसे मै किसी गहरी खाई में जा गिरी हूँ।...मेरा आक्रोश कोई सुनता नहीं....दम घुट रहा है.....आनेवाली साँसों की चाहत नहीं.....जीने का कोई मकसद नहीं....क्यों जिंदा हूँ,पता नहीं.......
13 टिप्पणियां:
क्या शमा जी ...इन उदासियों से बाहर निकलिए ...लोगों से मिलिए जुलिये ...आप अच्छी तरह जानती हैं ..लोग आपको पढ़ना कितना पसंद करते हैं ...फिर नाउम्मीदी क्यों कर है ...आपको याद होगा.. मैंने आपके लिए ही लिखा था ...
यूँ न रूठो खुद से इतना ,
के मनाने ज़िन्दगी भी आये तो कम पड़े
आयेंगे हर मोड़ पे इम्तिहाँ लेने को गम बड़े
उठो , अहतराम कर लो ज़िन्दगी का
जश्न से गुजरे तो भूल जायेंगे ख़म बड़े
मन को होने का सहारा देने वाला भी कोई हो, अपने मन में छिपा परमात्मा।
न मिले रौशनी मुझसे
किसीको,ग़म नहीं है,
मुझसे अँधेरा न बढे,
इतनी मुझे दुआ दे!
बहुत सुन्दर प्रार्थना की है आपने.
खूबसूरत प्रार्थना .... हर बुरा वक़्त निकाल ही जाता है ...
तथास्तु
सुंदर.
सुबह शाम, श्वासक्रियाएं व ध्यानयोग अपनाएं. मेरे विचार से, बहुत आनंद आएगा.
खूबसूरत प्रार्थना ...बहुत अच्छी लगी यह नज़्म
बहुत कुछ हमारे वश में नहीं हैं -इसलिए निश्चिंत होईये !
बहुत कुछ हमारे वश में नहीं हैं -इसलिए निश्चिंत होईये !
सुन्दर प्रार्थना कबूल हो..
:-)
उदासियों के घेरे तोड़ने के बाद ... नया ऊरज जरूर नज़र आता है ... बस एक बार हिम्मत जरूरी है ... गहरा एहसास लिए है रचना ...
बहुत सुन्दर प्रार्थना....वह जो कुछ करेगा अच्छा ही करेगा...
बहुत सुंदर क्षमा जी । अपना दुख लेकनी में ढालें हम से बांटें ।
जिंदगी जीना तो है ही हंस कर ही जी लें ।
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